लेखनी प्रतियोगिता -22-Dec-2021 जीत की साधना
गे अनेकों,
लोग चाहेंगे हराना।
हारने से तुम न डरना।
जीत की साधना तुम करना ।
बढ़ न पाया वह कभी भी,
हारने से जो डरा है।
ख़त्म ना संघर्ष होंगे,
पंथ हर ख़तरों भरा है।
ठोकरें लगती रहेंगी,
खाकर उन्हें भी संभल जाना,
हारने से तुम न डरना,
जीत की......................
राह में कांटे मिलेंगे,
खुद उन्हें चुनना पड़ेगा।
मुश्किलें आयेंगी उनसे,
रूबरू होना पड़ेगा।
विघ्न तो आते रहेंगे,
विघ्न से घबरा न जाना।
हारने से तुम न डरना,
जीत की..................
कर्म अपने करते जाना ,
कर्म है बलवान जग में।
छोड़ देना तुम न हिम्मत,
संकटों को देख मग में।
लक्ष्य श्रम से ही मिलेगा,
हौसले को मत गिराना।
हारने से तुम न डरना,
जीत की..................
हर चुनौती को हमेशा ,
धैर्य से स्वीकार करना।
उच्च शिखरों पर पहुंच कर,
ख्याति पर अधिकार करना।।
धार ले संकल्प जीत का,
भार ख़ुद ही तू उठाना।
हारने से तुम न डरना,
जीत की...................
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Swati chourasia
23-Dec-2021 11:27 AM
Very beautiful 👌
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Shrishti pandey
23-Dec-2021 08:14 AM
Nice
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Abhinav ji
22-Dec-2021 11:59 PM
Nice
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